जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) की छठी वर्षगांठ पर जारी रेस्पिरर लिविंग साइंसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 से 2024 के बीच भारत के शहरों में पीएम 2.5 के स्तर में औसतन 27 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

इसके अलावा गुरुग्राम (96.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर), फरीदाबाद (87.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर), श्रीगंगानगर (85.5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) और ग्रेटर नोएडा (83.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) जैसे शहरों ने भी प्रदूषण के उच्च स्तर दिखाए, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।