Saturday, March 1, 2025

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज प्रयागराज में महाकुंभ मेले का औपचारिक रूप से समापन का ऐलान करेंगे।

 

UP Breaking News LIVE Updates: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज प्रयागराज में महाकुंभ मेले का औपचारिक रूप से समापन का ऐलान करेंगे। इस दौरान उनके साथ प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव भी उपस्थित रहने वाले हैं।

27 February 2025

2024 में देश के सबसे प्रदूषित रहे ये शहर, वाराणसी रहा बेहतर; चौंका देगी पूरी रिपोर्ट

 

Pollution: 2024 में देश के सबसे प्रदूषित रहे ये शहर, वाराणसी रहा बेहतर; चौंका देगी पूरी रिपोर्ट

8 January 2025

2024 में भारत के शहरों में PM2.5 के स्तर में औसतन 27 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। हालांकि बर्नीहाट (127.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) और दिल्ली (107 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) 2024 में सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल रहे। वाराणसी ने उल्लेखनीय 76.4 प्रतिशत की कमी हासिल की। उत्तरी क्षेत्रों में दिल्ली-NCR राजस्थान हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य अभी भी गंभीर प्रदूषण का सामना कर रहे हैं।

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76.4 प्रतिशत की कमी के साथ वाराणसी सबसे बेहतर रहा है। फाइल फोटो
HighLights
  1. 2024 में बर्नीहाट और दिल्ली रहे देश में सर्वाधिक प्रदूषित।
  1. भारतीय शहरों के वायु प्रदूषण में दर्ज की गई 27 प्रतिशत की कमी।
  1. 76.4 प्रतिशत की कमी के साथ वाराणसी रहा है सबसे बेहतर।
वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में प्रगति का देती है संकेत
रेस्पिरर के एटलस एक्यू प्लेटफार्म के डेटा पर आधारित इस अध्ययन में पाया गया कि एनसीएपी शहरों में 24 प्रतिशत प्रदूषण की कमी आई है। यह कमी वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में प्रगति का संकेत देती है। हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (107 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) और असम का बर्नीहाट (127.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) 2024 में सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल रहे।
तत्काल ध्यान देने की है आवश्यकता
यह विडियो भी देखें
https://youtu.be/kojvAlptuiEबर्नीहाट-दिल्ली जैसे हाटस्पाट पर काबू पाने के लिए लक्षित कार्रवाई 
रेस्पिरर लिविंग साइंसेज के संस्थापक रोनक सुतारिया कहते हैं, भारत में वायु गुणवत्ता की कहानी उम्मीद और सावधानी का मिश्रण है। जहां वाराणसी ने उल्लेखनीय 76.4 प्रतिशत की कमी हासिल की, वहीं उत्तरी क्षेत्रों में दिल्ली एनसीआर, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य अभी भी गंभीर प्रदूषण के दौर का सामना कर रहे हैं। बर्नीहाट और दिल्ली जैसे हाटस्पाट पर काबू पाने के लिए लक्षित कार्रवाई और स्थानीय हस्तक्षेप महत्वपूर्ण हैं।
2024 में वायु गुणवत्ता प्रदर्शन की मुख्य बातें
राष्ट्रीय प्रगति 
2019 से 2024 के बीच मानीटर किए गए सभी शहरों में पीएम 2.5 के स्तर में 27 प्रतिशत की कमी।
सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहर
वाराणसी (76 प्रतिशत) और मुरादाबाद (58 प्रतिशत) ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। अन्य उल्लेखनीय शहरों में कलबुर्गी (-57.2 प्रतिशत), मेरठ (-57.1 प्रतिशत), कटनी (-56.3 प्रतिशत) और आगरा (-54.1 प्रतिशत) शामिल हैं, जो स्थानीय हस्तक्षेपों की सफलता को दर्शाते हैं। यह भी पढे़ं- Weather Update: कोहरे की चादर में लिपटा दिल्ली-एनसीआर, वाहनों की रफ्तार पर लगा ब्रेक; जानिए AQI का हाल
सबसे प्रदूषित शहर
बर्नीहाट (127.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) और दिल्ली (107 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) 2024 में भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में रहे।
क्षेत्रीय रुझान
दक्षिण और पश्चिम के शहरों में निरंतर सुधार हुआ, जबकि उत्तरी शहर जैसे फरीदाबाद, गुरुग्राम, और गाजियाबाद खराब वायु गुणवत्ता के साथ संघर्ष करते रहे।यह भी पढ़ें- Delhi Election 2025: चुनाव में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला, AAP के सामने क्या है चुनौती? हैरान कर देगा BJP का ये रिकॉर्ड

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) की छठी वर्षगांठ पर जारी रेस्पिरर लिविंग साइंसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 से 2024 के बीच भारत के शहरों में पीएम 2.5 के स्तर में औसतन 27 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

इसके अलावा गुरुग्राम (96.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर), फरीदाबाद (87.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर), श्रीगंगानगर (85.5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) और ग्रेटर नोएडा (83.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) जैसे शहरों ने भी प्रदूषण के उच्च स्तर दिखाए, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।


Thursday, February 27, 2025

दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 42,

 

दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में भारत के 42, अकेले यूपी के नौ शहर; जानें पहले नंबर पर कौन?

26 February 2025

Most Polluted City | दुनिया के सबसे प्रदूषित 50 शहरों में से 42 भारत में हैं जिनमें से 9 उत्तर प्रदेश में हैं। दिल्ली नोएडा गाजियाबाद हापुड़ गुरुग्राम फरीदाबाद सोनीपत भिवानी मुजफ्फरनगर रोहतक भिवाड़ी आगरा इटावा फतेहपुर सीकरी फिरोजाबाद मेरठ आदि शहर इस सूची में शामिल हैं। नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने इसे स्थानीय निकाय प्रशासन की बड़ी विफलता बताया है।

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उत्तर प्रदेश के आठ शहर दुनिया के 50 सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। (तस्वीर जागरण)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। India Polluted City | भारत के 42 शहर दुनिया के सर्वाधिक 50 प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। इन प्रदूषित शहरों में दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, भिवानी, मुजफ्फरनगर, रोहतक, भिवाड़ी, आगरा, इटावा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मेरठ आदि शामिल हैं। 

इनमें से अकेले उत्तर प्रदेश के 9 शहरों (UP Polluted City) का नाम है। नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने इसे स्थानीय निकाय प्रशासन की बड़ी विफलता करार दिया। वह बुधवार को सेंटर फार साइंस एंड एन्वायरमेंट (सीएसई) की ओर से राजस्थान के निमली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमें सूरत और इंदौर जैसे शहरों के सफल मॉडल को दोहराने की जरूरत है।

ये हैं साल 2024 के आंकड़े-

2024 में देश के सबसे प्रदूषित रहे ये शहर

यह विडियो भी देखें

राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) की छठी वर्षगांठ पर जारी रेस्पिरर लिविंग साइंसेज की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 से 2024 के बीच भारत के शहरों में पीएम 2.5 के स्तर में औसतन 27 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में प्रगति का देती है संकेत

रेस्पिरर के एटलस एक्यू प्लेटफार्म के डेटा पर आधारित इस अध्ययन में पाया गया कि एनसीएपी शहरों में 24 प्रतिशत प्रदूषण की कमी आई है। यह कमी वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में प्रगति का संकेत देती है। हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (107 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) और असम का बर्नीहाट (127.3 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) 2024 में सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल रहे।

तत्काल ध्यान देने की है आवश्यकता

इसके अलावा गुरुग्राम (96.7 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर), फरीदाबाद (87.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर), श्रीगंगानगर (85.5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) और ग्रेटर नोएडा (83.9 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर) जैसे शहरों ने भी प्रदूषण के उच्च स्तर दिखाए, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

2024 में वायु गुणवत्ता प्रदर्शन की मुख्य बातें

2019 से 2024 के बीच मानीटर किए गए सभी शहरों में पीएम 2.5 के स्तर में 27 प्रतिशत की कमी। इसे भी पढ़ें- Pollution: 2024 में देश के सबसे प्रदूषित रहे ये शहर, वाराणसी रहा बेहतर; चौंका देगी पूरी रिपोर्ट

अगला कुंभ मेला कब और कहां लगेगा?

 अगला कुंभ मेला कब और कहां लगेगा? अभी से तैयारी में जुटी सरकार

prabhatkhabar.com/state/uttarakhand/next-kumbh-mela-when-and-where-held-haridwar-ardh-kumbh-2027-preparing

26 फ़रवरी 2025


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Kumbh Mela: अगला कुंभ मेला कब और कहां लगेगा? अभी से तैयारी में जुटी सरकार


Kumbh Mela: प्रयागराज में महाशिवरात्रि पर आखिरी अमृत स्नान के साथ आज समाप्त हो जाएगा 144 साल बाद लगने वाला महाकुंभ. प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हुई थी. कुंभ मेला समाप्त होने के बाद अगला कुंभ कब और कहां होने वाला है, उसको लेकर लोगों के मन में सवाल जरूर चल रहे होंगे, तो हम यहां आपको अलगे कुंभ के बारे में जानकारी देने वाले हैं.


Maha kumbh huge crowd

Maha kumbh huge crowd


Kumbh Mela: अगला कुंभ मेला 2027 में आयोजित किया जाना है. जो प्रयागराज में नहीं, बल्कि उत्तराखंड के हरिद्वार में लगाया जाएगा. इसे अर्धकुंभ 2027 के नाम से जाना जाएगा. हरिद्वार में मां गंगा के पावन तट पर आयोजित होने वाले अर्धकुंभ को लेकर अभी से उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है.


अर्धकुंभ 2027 को लेकर अधिकारियों ने की बड़ी बैठक

हरिद्वार में सरकारी अधिकारियों ने ‘अर्धकुंभ 2027’ की तैयारियों को लेकर बड़ी बैठक की है. बैठक के बाद गढ़वाल के आईजी ने मीडिया को बताया, “बैठक में ट्रैफिक प्लान को लेकर चर्चा की गई. अर्धकुंभ के दौरान ट्रैफिक और पार्किेंग व्यवस्था कैसी होगी, और भीड़ नियंत्रण किस तरह से किया जाएगा, इसको लेकर बैठक में बात हुई.” उन्होंने कहा- “बैठक में अर्धकुंभ की तैयारी में आने वाली खर्च और इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर भी चर्चा की गई.”


#WATCH | Haridwar, Uttarakhand: The government officials held a meeting regarding the preparations for ‘Ardh Kumbh 2027’. (25.02) pic.twitter.com/AtGFOmwKHG


— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 25, 2025

मुख्यमंत्री धामी ने कुंभ को लेकर दिया निर्देश

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अर्धकुंभ को लेकर अधिकारियों को अभी से निर्देश दे दिया है. उन्होंने कुंभ को भव्य, दिव्य और सुरक्षित बनाने का निर्देश दिया है. उन्होंने अधिकारियों को साफ कर दिया है कि कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होनी चाहिए.


महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या 66 करोड़ के पार

महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का अंतिम स्नान पर्व बुधवार को ‘हर हर महादेव’ के उद्घोष के साथ प्रारंभ हुआ और तड़के से ही श्रद्धालुओं का गंगा और संगम में डुबकी लगाना जारी है. शाम चार बजे तक 1.32 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान के साथ महाकुंभ में स्नानार्थियों की संख्या 66 करोड़ पार कर गई. मेला प्रशासन ने स्नानार्थियों पर गुलाब की 120 क्विंटल पंखुड़ियों की वर्षा कराई. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाशिवरात्रि पर लोगों को बधाई देते हुए सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “महाकुंभ 2025, प्रयागराज में भगवान भोलेनाथ की उपासना को समर्पित महाशिवरात्रि के पावन स्नान पर्व पर आज त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पधारे सभी पूज्य साधु संतों एवं श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन.” उन्होंने कहा, “त्रिभुवनपति भगवान शिव और पुण्य सलिला मां गंगा सभी का कल्याण करें, यही प्रार्थना है. हर हर महादेव.”


Shivratri 2025

बाबा बैद्यनाथ की बारात का अनोखा रंग: भूत-पिशाच से लेकर अप्सराएं तक, जानें 30 साल पुरानी परंपरा

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Tuesday, February 25, 2025

Mahashivratri 2025: भोलेनाथ के 5 बड़े गुण बच्‍चों को बना सकते हैं पॉवरफुल, एग्‍जाम और परेशानियां तो लगेंगी चींटी सी​

 

Mahashivratri 2025: भोलेनाथ के 5 बड़े गुण बच्‍चों को बना सकते हैं पॉवरफुल, एग्‍जाम और परेशानियां तो लगेंगी चींटी सी​

Authored byपारुल रोहतगी | Edited byसुधीर सिंह | नवभारतटाइम्स.कॉम 25 Feb 2025, 7:58 am

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महाशिवरात्रि 2025 पर आप भी अपने बच्‍चे को एक कीमती उपहार दे सकते हैं और यह उपहार होगा कि आप उसे भोलेनाथ के कुछ गुण लेने के लिए प्रेरित करें। महाशिवरात्रि 2025 के अवसर पर हम आपको भोलेनाथ के कुछ ऐसे गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्‍हें आप अपने बच्‍चे को अपनाने के लिए कह सकते हैं।

lessons children can learn from lord shiva on mahashivratri 2025

26 फरवरी को देशभर में महाशिवरात्रि का त्‍योहार मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव के भक्‍तों की आस्‍था और प्रेम चरम पर होती है। महाशिवरात्रि 2025 पर पूरे विधि-विधान से भोलेनाथ की पूजा किए जाने का विधान है। हिंदू धर्म में भगवान शिव को बहुत माना जाता है और उनके गुणों का लोग अनुसरण करना चाहते हैं।

इस महाशिवरात्रि पर हम आपको भगवान शिव के कुछ ऐसे गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्‍हें बच्‍चे अपना सकते हैं और इससे उन्‍हें अपने जीवन में असीम लाभ मिल सकता है। भगवान शिव केवल एक देवता ही नहीं हैं बल्कि वे आदर्श व्‍यक्‍तित्‍व, संयम, कर्त्तव्‍य और ज्ञान के भी प्रतीक हैं। उनके जीवन से बच्‍चों को कई चीजें सीखने को मिलती हैं।

फोटो साभार: freepik

धैर्य सीख सकते हैं बच्‍चे

भगवान शिव धैर्य और सहनशीलता के प्रतीक हैं। समुद्र मंथन के दौरान उन्‍होंने विश्‍व की रक्षा के लिए हलाकल विष को अपने कंठ में धारण किया था और ऐसे न जाने कितनी ही बार सृष्टि का उद्धार किया है। इससे बच्‍चों को सीखने को मिलता है कि जीवन में कई कठिनाईयां आती हैं लेकिन उन्‍हें धैर्य और सहनशीलता से काम करना चाहिए।

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सादगी से संतोष

भगवान शिव एकमात्र ऐसे आराध्‍य हैं जो सोने-चांदी के आभूषण धारण नहीं करते हैं बल्कि रुद्राक्ष की माला और आभूषण पहनते हैं। भोलेनाथ को यही प्रिय लगता है और वो इस सादगी से ही संतुष्‍ट हैं। बच्‍चों को यह सिखाएं कि सच्‍चा सुख भौतिक चीजों में नहीं बल्कि संतोष में होता है।

फोटो साभार: pexels

कर्त्तव्‍य को पूरा करते हैं

भगवान शिव सदैव अपने भक्‍तों के लिए कर्त्तव्‍यनिष्‍ठ रहे हैं। उन्‍होंने कभी अपने भक्‍तों में भेदभाव में नहीं किया है और सभी को एक समान दृष्टि से देखते हैं। इससे बच्‍चों को यह सीख मिलती है कि उन्‍हें भोलेनाथ की तरह अपने परिवार और समाज के प्रति जिम्‍मेदार बनना चाहिए और हमेशा अपने कर्त्तव्‍यों को निभाना चाहिए।
फोटो साभार: pexels

फोकस मिलता है

भगवान शिव ने ही योग और ध्‍यान की शुरुआत की थी इसलिए उन्‍हें आदियोगी कहा जाता है। वे हमेशा ध्‍यान की स्थिति में रहते हैं। ध्‍यान करने से फोकस बढ़ता है और यह बच्‍चों के लिए बहुत उपयोगी है। बच्‍चों को ध्‍यान करने और आत्‍मचिंतन की आदत डालें। इससे वे मानसिक रूप से मजबूत और एकाग्र बनेंगे।

फोटो साभार: freepik

दूसरों के लिए त्‍याग करना

भोलेनाथ ने हमेशा सृष्टि के उद्धार के लिए त्‍याग किया है। हलाहल पीना हो या माता सती के जाने के बाद संसार में संतुलन को बनाए रखना हो, भोलेनाथ ने हमेशा सृष्टि के कल्‍याण के लिए त्‍याग किया है। इससे बच्‍चों को यही सीखने को मिलता है कि दूसरों की मदद करनी चाहिए और निस्‍वार्थ सेवा भाव से काम करना चाहिए।
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लेखक के बारे में

पारुल रोहतगी को पत्रकारिता के क्षेत्र में 9 वर्षों से अधिक अनुभव है। इन्‍होंने डिजिटल के साथ-साथ प्रिंट मीडिया में भी काम किया हुआ है। वर्तमान में ये NBT के लाइफस्टाइल फैमिली सेक्शन में बतौर कंसल्टेंट काम कर रही हैं। इन्‍हें अलग-अलग विषयों पर लिखना और अपने लेखों से लोगों को जानकारी देना पसंद है। इन्‍हें हेल्‍थ, एस्‍ट्रोलॉजी, लाइफस्टाइल, टेक आदि सेक्‍शन पर लिखने का अनुभव भी है। खाली समय में इन्‍हें किताबें पढ़ना और नई टेक्नोलॉजी को सीखना पसंद है।... और पढ़ें

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