કેરળ કિનારા પાસે મોટી દુર્ઘટના, સિંગાપોરના ધ્વજવંદન જહાજમાં વિસ્ફોટ; કેરળના દરિયાકાંઠે સિંગાપોરના ધ્વજવંદન જહાજ પર વિસ્ફોટ - નૌકાદળે 18 લોકોના જીવ બચાવ્યા
કેરળના દરિયાકાંઠે સિંગાપોરના ધ્વજવંદન જહાજ MV વાન હૈ 503 માં વિસ્ફોટ થયો હોવાના અહેવાલ છે. મુંબઈ મેરીટાઇમ ઓપરેશન્સ સેન્ટરે કોચીને આ અંગે જાણ કરી. આ જહાજ 7 જૂને કોલંબોથી રવાના થયું હતું અને 10 જૂને મુંબઈ પહોંચવાનું હતું. ભારતીય નૌકાદળે તાત્કાલિક સહાય માટે INS સુરત મોકલ્યું. 22 ક્રૂ સભ્યોમાંથી 18 જહાજ છોડી ગયા હતા અને તેમને બચાવવામાં આવી રહ્યા છે.
કેરળના દરિયાકાંઠા નજીક સિંગાપોરના ધ્વજવંદન જહાજમાંથી જોરદાર વિસ્ફોટ થયાના સમાચાર આવ્યા છે. સંરક્ષણ જનસંપર્ક અધિકારીએ આ માહિતી આપી છે. તેમણે કહ્યું કે સવારે કેરળના દરિયાકાંઠે સિંગાપોર-ધ્વજવાળા કન્ટેનર જહાજ MV વાન હૈ 503 માં વિસ્ફોટ થવાની માહિતી મળી હતી.
મુંબઈના મેરીટાઇમ ઓપરેશન્સ સેન્ટરે સવારે લગભગ ૧૦.૩૦ વાગ્યે કોચીમાં તેના સમકક્ષોને અંડરડેક વિસ્ફોટ વિશે જાણ કરી. ૨૭૦ મીટર લાંબુ આ જહાજ, જેનો ડ્રાફ્ટ ૧૨.૫ મીટર હતો, ૭ જૂને કોલંબોથી નીકળ્યું અને મુંબઈ તરફ રવાના થયું, જ્યાં તે ૧૦ જૂને પહોંચવાની ધારણા હતી.
'આઈએનએસ સુરતને ડાયવર્ટ કરવામાં આવ્યું'
આજે લગભગ 10:30 વાગ્યે, MOC (COC) ને MOC (MBI) તરફથી MV Wan Hai 503 પર અંડરડેક વિસ્ફોટના સમાચાર મળ્યા. આ અંગે વાતચીતમાં, PRO એ કહ્યું, 'આ જહાજ સિંગાપોર ધ્વજવંદન કરાયેલ કન્ટેનર જહાજ, LPC કોલંબો છે, જે 270 મીટર લાંબુ છે અને તેનો ડ્રાફ્ટ 12.5 મીટર છે.'
આ પછી, ભારતીય નૌકાદળે તાત્કાલિક કાર્યવાહી કરીને મદદ પૂરી પાડી અને કોચીમાં ડોક કરવાના નિર્ધારિત INS સુરતને વાળ્યું. ભારતીય નૌકાદળે 18 લોકોના જીવ બચાવ્યા.
'18 ક્રૂએ બોટ પર જહાજ છોડી દીધું'
પીઆરઓએ જણાવ્યું હતું કે પશ્ચિમી નૌકાદળ કમાન્ડે સવારે 11 વાગ્યે જહાજને બીજી દિશામાં વાળ્યું હતું. પીઆરઓએ એક અપડેટમાં જણાવ્યું હતું કે, '૨૨ ક્રૂમાંથી ૧૮ ક્રૂ બોટ પર જહાજ છોડીને નીકળી ગયા છે.' ૧૮ સભ્યોએ દરિયામાં કૂદકો માર્યો. CG અને IN એસેટ્સ દ્વારા ક્રૂને બચાવવામાં આવી રહ્યા છે. વહાણમાં અત્યારે આગ લાગી છે અને તે તરી રહ્યું છે.”
વિમાનની ઉડાન યોજના
પરિસ્થિતિનું મૂલ્યાંકન કરવા અને સહાયનું સંકલન કરવા માટે કોચીના નૌકાદળના એરબેઝ INS ગરુડથી નૌકાદળ ડોર્નિયર વિમાનની ઉડાનનું પણ આયોજન કરવામાં આવી રહ્યું છે.
Sunita Williams Return: नासा और स्पेसएक्स ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए एक नया क्रू लॉन्च किया है। क्रू-10 मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। इस मिशन के बाद लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर फंसे दो अनुभवी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पृथ्वी पर लौटेंगे।
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की घर वापसी का रास्ता साफ, जानें नासा और स्पेसएक्स के क्रू-10 मिशन की बड़ी बातें
नासा की भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स
वॉशिंगटन: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और अरबपति एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने शुक्रवार को एक नया क्रू अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना किया, जिससे वहां फंसे दो अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की नौ महीने बाद वापसी का रास्ता साफ हो गया। नासा ने कहा था कि अगर क्रू-10 मिशन शुक्रवार को लॉन्च होता है तो अंतरिक्ष यात्री विलियम्स और विल्मोर को लेकर क्रू-9 मिशन के बुधवार (19 मार्च) को आईएसएस से प्रस्थान करने की उम्मीद है।गुरुवार को कुछ देरी के बाद भारतीय समयानुसार सुबह 4:33 बजे नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से क्रू-10 मिशन पर ड्रैगन अंतरिक्षयान लेकर जा रहा फाल्कन 9 रॉकेट उड़ान भर गया। इसमें चार अंतरिक्ष यात्रियों का दल रवाना हुआ, जिसमें ऐनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, JAXA (जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी) अंतरिक्ष यात्री ताकुया ओनिशी और रोस्कोस्मोस अंतरिक्ष यात्री किरिल पेस्कोव शामिल हैं।
क्रू-10 मिशन के लॉन्च में क्यों हुई थी देरी?
क्रू-10 स्पेसएक्स की मानव अंतरिक्ष परिवहन प्रणाली के तहत दसवां क्रू रोटेशन मिशन है और नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के जरिए आईएसएस स्टेशन के लिए क्रू के साथ 11वीं उड़ान है, जिसमें डेमो-2 टेस्ट फ्लाइट शामिल है। गुरुवार को एक ग्राउंड सपोर्ट क्लैंप आर्म के साथ हाइड्रोलिक सिस्टम की समस्या के कारण मिशन में देरी हुई।
आठ दिन का मिशन खिंच गया कई महीने
नासा की भारतीय मूल की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके सहकर्मी बुच विल्मोर पिछले साल जून से आईएसएस पर फंसे हुए हैं। बोइंग स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान में आई खराबी के कारण आठ दिन का आईएसएस मिशन महीनों तक खिंच गया। नासा के अनुसार, दोनों फंसे हुए अंतरिक्ष यात्री क्रू-10 के लॉन्च के कुछ दिन बाद पृथ्वी पर वापस लौटेंगे।
ट्रंप और मस्क ने मिशन को लेकर जो बाइडेन पर लगाए आरोप
तकनीकी विफलता के रूप में शुरू हुआ यह मामला राजनीतिक विवाद का विषय भी बन गया है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके करीबी सलाहकार एलन मस्क ने बार-बार यह आरोप लगाया है कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जानबूझकर इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को 'छोड़ दिया' और उन्हें जल्दी वापस लाने की योजना को अस्वीकार कर दिया। इस आरोप से अंतरिक्ष समुदाय में हंगामा मच गया, खासकर इसलिए क्योंकि मस्क ने कोई विशिष्ट जानकारी प्रदान नहीं की। नौ महीने बाद होगी सुनीता विलियम्स की 'घर वापसी', ISS से वापस लाने के लिए स्पेसएक्स ने लॉन्च किया मिशन
क्रू-9 में नियुक्त किए जाने के बाद से नहीं बदली वापसी की योजना
दोनों की वापसी की योजना तब से अपरिवर्तित है जब से उन्हें स्पेसएक्स के क्रू-9 में फिर से नियुक्त किया गया था, जो सितंबर में एक अन्य ड्रैगन पर सवार होकर पहुंचा था, जिसमें सामान्यतः चार के बजाय केवल दो क्रू मेंबर थे, ताकि विल्मोर और विलियम्स के लिए जगह बनाई जा सके।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, जब डेनिश अंतरिक्ष यात्री एंड्रियास मोगेन्सन ने एक्स पर इस बात की ओर ध्यान दिलाया तो मस्क ने उन पर हमला बोला और मानसिक रूप से दिव्यांग लोगों के लिए एक अपशब्द का इस्तेमाल किया। कुछ सेवानिवृत्त अंतरिक्ष यात्री मोगेन्सन के बचाव में आगे आए, जबकि विल्मोर स्पेसएक्स के सीईओ का समर्थन करते हुए दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणियां 'तथ्यात्मक' रही होंगी, हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि उन्हें किसी भी विवरण की जानकारी नहीं है।
ट्रंप की विचित्र टिप्पणियों ने खींचा ध्यान
इस बीच ट्रंप ने स्थिति के बारे में अपनी विचित्र टिप्पणियों से ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें उन्होंने पूर्व नौसेना कप्तान विलियम्स को घने बालों वाली महिला के रूप में संदर्भित किया है और दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के बीच व्यक्तिगत संबंधों के बारे में अनुमान लगाया।
रोहित कुमार पोरवाल ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली से पत्रकारिता की पढ़ाई करने के बाद मीडिया की दुनिया में कदम रखा। रोहित को टीवी, मैगजीन, अखबार, और ऑनलाइन मीडिया जैसे विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर काम करने का लगभग 13 वर्षों का अनुभव है। इन्होंने अमर उजाला, जनसत्ता, लोकमत और एबीपी न्यूज जैसे संस्थानों में काम किया। रोहित को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समेत जन-सरोकार से जुड़े विभिन्न विषयों के बारे में जानने और लिखने की ललक रही है। रोहित वर्तमान में नवभारत टाइम्स में यूएसए हाइपर लोकल डेस्क के लिए काम कर रहे हैं। जो अमेरिकी शहरों में बसे उत्तर भारतीयों को उनकी मातृ भाषा में उनके शहर और राज्य की हर छोटी-बड़ी खबरों से अपडेट रखेगा।... और पढ़ें
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Nasa Astronaut Sunita Williams Return Live,सुनीता विलियम्स को स्पेस से लेकर रवाना हुआ ड्रैगन क्राफ्ट, जानें कब होगा धरती पर लैंड, कहां देख सकेंगे लाइव स्ट्रीमिंग - when and where to watch nasa astronaut sunita williams return live streaming from space
सुनीता विलियम्स को स्पेस से लेकर रवाना हुआ ड्रैगन क्राफ्ट, जानें कब होगा धरती पर लैंड, कहां देख सकेंगे लाइव स्ट्रीमिंग
Nasa Astronauts Sunita Williams Return Live Streaming: नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर, निक हेग और रूसी कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोर्बुनोव अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लौट रहे हैं। ड्रैगन कैप्सूल से ये लोग फ्लोरिडा के तट पर उतरेंगे। नासा ने अपने दोनों अंतरिक्ष यात्रियों सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की धरती पर वापसी की पुष्टि की है
हाइलाइट्स
सुनीता विलियम्स की वापसी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
वॉशिंगटन: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) की एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स अपने क्रू मेंबर बूच विल्मोर, निक हेग और रूसी कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोर्बुनोव के साथ स्पेस से पृथ्वी पर लौट रही हैं। उनका धरती की तरफ सफर शुरू हो गया है। सुनीता नौ महीने का समय अंतरिक्ष में बिताने के बाद भारतीय समय के हिसाब से बुधवार तड़के धरती पर आएंगी। सुनीता विलियम्स और उनके साथियों की वापसी स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन क्राफ्ट से हो रही है। सुनीता विलियम्स और सुनीता विलियम्स को लेकर ड्रैगन क्राफ्ट भारतीय समय के हिसाब से बुधवार तड़के 3:27 बजे लैंड करेगा। इसका दुनियाभर में लाइव प्रसारण भी होगा।नासा ने बताया है कि स्पेसएक्स ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट आईएसएस से सफलतापूर्वक अनडॉक हो गया है, यानी उसकी धरती की तरफ 17 घंटे की यात्रा शुरू हो गई है। 18 मार्च को सुबह 10:35 बजे क्राफ्ट की अनडॉकिंग हुई। ड्रैगन हार्मोनी मॉड्यूल पर स्टेशन के आगे की ओर वाले पोर्ट से अलग हो गया और नियंत्रित थ्रस्टर फायरिंग के तहत धीरे-धीरे दूर चला गया। कैप्सूलअपने महत्वपूर्ण सिस्टम जांच करेगा और बुधवार की सुबह के लिए निर्धारित डीऑर्बिट बर्न के लिए तैयार होगा।ड्रैगन कैप्सूल पृथ्वी के वायुमंडल में फिर से एंट्री करेगा तो उसे 19 मार्च को भारतीय समयानुसार सुबह 3:27 बजे अटलांटिक महासागर में सुरक्षित उतरने के लिए पैराशूट तैनात करने से पहले तीव्र गर्मी का सामना करना पड़ेगा।
रविवार को पहुंचा था ड्रैगन कैप्सूल
सुनीता विलियम्स को लेने स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल रविवार को ISS पर पहुंचा था। नासा ने फाल्कन 9 रॉकेट से क्रू-10 मिशन लॉन्च किया था। यह मिशन ISS पर नए क्रू को पहुंचाने के लिए था। इससे विलियम्स और उनकी टीम को वापस आने के लिए क्रू ड्रैगन मिल गया। इसके बाद वापसी की प्रक्रिया सोमवार शाम शुरू हुई, जब क्रू ड्रैगन का दरवाजा बंद किया गया। इसके बाद स्पेसक्राफ्ट ISS से अलग हो गया और पृथ्वी की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी।सुनीता को लेकर आ रहे कैप्सूल की फ्लोरिडा में लैंडिंग के बाद सुनीता विलियम्स और क्रू को नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर, टेक्सास ले जाया जाएग। यहां उनका मेडिकल चेकअप होगा। इसके बाद उन्हें पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल होने में मदद करने के लिए रिकवरी प्रोटोकॉल का पालन कराया जाएगा। साथ ही उनसे मिशन की जरूरी जानकारी भी ली जाएगी।
सुनीता विलियम्स की लैंडिंग का होगा लाइव प्रसारण
नासा ने घोषणा की है कि सुनीता और उनके साथियों की वापसी का सीधा प्रसारण किया जाएगा। स्पेस से ड्रैगन कैप्सूल की अनडॉकिंग और फिर समुद्र में लैंडिंग को नासा के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर लाइव देखा जा सकता है। नासा ने कहा है कि वह नौ महीने बाद लौट रहे अपने एस्ट्रोनॉट की वापसी को लेकर बहुत उत्साहित हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि धरती पर लौटने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को यहां के माहौल से तालमेल बैठाने में कुछ समय लग सकता है। स्पेस में नौ महीने तक जीरो ग्रेविटी में रहने से पैरों की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। ऐसे में उन्हें पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में चलने में कठिनाई होती है। सामान्य होने में उनको कुछ हफ्ते या महीनों तक रिहैबिलिटेशन की जरूरत होती है।
रिज़वान, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और भारतीय जनसंचार संस्थान से पढ़ाई की है। अमर उजाला से पत्रकारिता की शुरुआत की। इसके बाद वन इंडिया, राजस्थान पत्रिका में काम किया। फिलहाल नवभारत टाइम्स ऑनलाइन में इंटरनेशनल डेस्क पर काम कर रहे हैं। राजनीति और मनोरंजन की खबरों में भी रूचि रखते हैं। डिजिटल जर्नलिज्म में काम का अनुभव करीब 8 साल है।... और पढ़ें
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Aurangzeb Controversy: औरंगजेब का वो आखिरी खत जिसका जिक्र इतिहास की किताबों में हुआ है वह औरंगजेब के पापों की कहानी खुद कहता है. विवादास्पद मुगल शासक मृत्यु से पहले पछतावे में अपने किये गुनाहों का जिक्र किया है. राम कुमार वर्मा की लिखी किताब 'औरंगजेब की आखिरी रात' के खत का मजमून आगे दिया गया है.
औरंगज़ेब ने मरने से पहले अपने पापों का जिक्र किया.
पटना. देश की राजनीति में मुगल शासक औरंगजेब चर्चा में है और समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी के इसके महिमामंडन करने की कोशिश को लेकर विवाद बढ़ गया है. इतिहास के पन्नों में देखें तो विवादास्पद मुगल शासकों में सबसे बड़ा नाम औरंगजेब का है. औरंगजेब ने गैर-मुसलमानों पर जजिया कर जैसी भेदभावपूर्ण नीतियां लागू कीं. औरंगजेब ने सिखों के गुरु तेग बहादुर का सिर कलम करवा दिया था. उसने गुरु गोविंद सिंह के बेटों को जिंदा दीवार में चुनवा दिया, वहीं संभाजी महाराज की आंखें फोड़ दीं और नाखून उखाड़ लिए. इसके शासन काल में भारत में शरियत के आधार पर फतवा-ए-आलमगीरी लागू किया और बड़ी संख्या में हिंदू मंदिरों को नष्ट कर दिया गया. काशी और सोमनाथ मंदिरों को नष्ट करवाया और लाखों हिंदुओं की हत्या करवाई. इसकी क्रूरता के कारण करीब-करीब पूरे भारतीय उपमहादीप में मुगल साम्राज्य अपना सबसे ज्यादा विस्तार कर पाया. औरंगजेब की मृत्यु 1707 ईस्वी में हुई थी. कहा जाता है कि मौत से पहले इसको अपने किये गुनाहों पर पछतावा था और औरंगजेब ने अपने बेटों, आजम शाह और काम बख्श को अपने खेद व्यक्त करने के लिए पत्र लिखे थे. इन पत्रों में उसने अपने पापों और असफलताओं के बारे में जिक्र किया.
औरंगजेब ने अपने आखिरी पत्र में लिखा जो लिखा वह उसके पछतावे की कहानी कहता है. औरंगजेब ने मरने से पहले अपने बेटों को लिखी एक चिट्ठी में अपने पापों का जिक्र किया था. इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा था कि उन्होंने लोगों का भला नहीं किया और उनका जीवन निरर्थक बीत गया. उन्होंने यह भी लिखा था कि उन्हें अपने पापों का परिणाम भुगतना होगा.
राम कुमार वर्मा की लिखी किताब ‘औरंगजेब की आखिरी रात’ में औरंगजेब के खत का मजमून कुछ यूं जिक्र किया गया है. ”अब मैं बूढ़ा और दुर्बल हो गया हूं.मैं नहीं जानता मैं कौन हूं और इस संसार में क्यों आया. मैंने लोगों का भला नहीं किया, मेरा जीवन ऐसे ही निरर्थक बीत गया. भविष्य को लेकर मुझे कोई उम्मीद नहीं है, मेरा बुखार अब उतर गया है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि शरीर पर केवल चमड़ी हो. दुनिया में कुछ लेकर नहीं आया था, लेकिन अब पापों का भारी बोझ लेकर जा रहा हूं. मैं नहीं जानता कि अल्लाह मुझे क्या सजा देगा, मैंने लोगों को जितने भी दुख दिए हैं, वो हर पाप जो मुझसे हुआ है उसका परिणाम मुझे भुगतना होगा. बुराईयों में डूबा हुआ गुनाहगार हूं मैं.”
बता दें कि औरंगजेब के पिता शाहजहां थे. औरंगजेब ने अपने पिता पर भी काफी जुल्म किये थे. औरंगजेब ने अपने पिता शाहजहां को आगरा के किले में कैद करके रखा और उन्हें पानी के लिए तरसाया था. शाहजहां ने अपनी आत्मकथा ‘शाहजहांनामा’ में औरंगजेब के लिए बहुत कठोर शब्दों का प्रयोग किया था. शाहजहां ने लिखा कि खुदा करे कि ऐसी औलाद किसी के यहां पैदा ना हो. शाहजहां ने औरंगजेब की तुलना हिंदुओं से की, जो अपने माता-पिता की सेवा करते हैं और उनकी मृत्यु के बाद तर्पण करते हैं। उन्होंने लिखा है कि औरंगजेब से अच्छे तो हिंदू हैं, जो अपने माता-पिता की सेवा करते हैं और उनकी मृत्यु के बाद तर्पण करते हैं.
रामकुमार वर्मा की लिखी किताब ‘औरंगजेब की आखिरी रात’ का अंश
बता दें कि औरंगज़ेब अपने सम्राज्य को अपने पुत्रों में विभाजित कर देना चाहता था. वह उत्तराधिकार खत्म करना चाहता था, लेकिन उसकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी. उनके बेटों के बीच भी सिंहासन के लिए यद्ध हुआ. उसके तीन बेटे मुहम्मद मुअज्जल, मुहम्मद आजम और कामबख़्श के मध्य उत्तराधिकार का युद्ध हुआ. युद्ध में उनका बड़ा पुत्र शाहजादा मुअज्जल जीता और उसने अपने भाई मुहम्मद आजम को 18 जून 1707 ईस्वी को जजाऊ में और कामबख़्श को हैदराबाद में जनवरी 1709 ईस्वी में मार डाला.
औरंगजेब के शासनकाल में मुगल साम्राज्य का विस्तार करीब-करीब पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में था.
बता दें कि औरंगजेब की मृत्यु 1707 ईस्वी में हुई थी. महाराष्ट्र के औरंगाबाद के निकट खुल्दाबाद नामक छोटे से गांव में जो औरंगजेब आलमगीर का मकबरा बनाया गया, उसमें उसे सीधे सादे तरीके से दफन किया गया. उसकी क़ब्र कच्ची मिटटी की बनाई गई, जिस पर आसमान के सिवाय कोई दूसरी छत नहीं रखी गई. कब्र के मुजाविर उसकी कब्र पर जब तब हरी दूब लगा देते हैं. इसी कच्चे मजार में पड़ा हुआ भारत का यह सम्राट प्रायश्चित की आग में जलते हुए आज भी परमात्मा से रूबरू होने के इंतजार में है.