Mahashivratri 2025: भोलेनाथ के 5 बड़े गुण बच्चों को बना सकते हैं पॉवरफुल, एग्जाम और परेशानियां तो लगेंगी चींटी सी
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महाशिवरात्रि 2025 पर आप भी अपने बच्चे को एक कीमती उपहार दे सकते हैं और यह उपहार होगा कि आप उसे भोलेनाथ के कुछ गुण लेने के लिए प्रेरित करें। महाशिवरात्रि 2025 के अवसर पर हम आपको भोलेनाथ के कुछ ऐसे गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आप अपने बच्चे को अपनाने के लिए कह सकते हैं।

26 फरवरी को देशभर में महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव के भक्तों की आस्था और प्रेम चरम पर होती है। महाशिवरात्रि 2025 पर पूरे विधि-विधान से भोलेनाथ की पूजा किए जाने का विधान है। हिंदू धर्म में भगवान शिव को बहुत माना जाता है और उनके गुणों का लोग अनुसरण करना चाहते हैं।
इस महाशिवरात्रि पर हम आपको भगवान शिव के कुछ ऐसे गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें बच्चे अपना सकते हैं और इससे उन्हें अपने जीवन में असीम लाभ मिल सकता है। भगवान शिव केवल एक देवता ही नहीं हैं बल्कि वे आदर्श व्यक्तित्व, संयम, कर्त्तव्य और ज्ञान के भी प्रतीक हैं। उनके जीवन से बच्चों को कई चीजें सीखने को मिलती हैं।
फोटो साभार: freepik
धैर्य सीख सकते हैं बच्चे

भगवान शिव धैर्य और सहनशीलता के प्रतीक हैं। समुद्र मंथन के दौरान उन्होंने विश्व की रक्षा के लिए हलाकल विष को अपने कंठ में धारण किया था और ऐसे न जाने कितनी ही बार सृष्टि का उद्धार किया है। इससे बच्चों को सीखने को मिलता है कि जीवन में कई कठिनाईयां आती हैं लेकिन उन्हें धैर्य और सहनशीलता से काम करना चाहिए।
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सादगी से संतोष

भगवान शिव एकमात्र ऐसे आराध्य हैं जो सोने-चांदी के आभूषण धारण नहीं करते हैं बल्कि रुद्राक्ष की माला और आभूषण पहनते हैं। भोलेनाथ को यही प्रिय लगता है और वो इस सादगी से ही संतुष्ट हैं। बच्चों को यह सिखाएं कि सच्चा सुख भौतिक चीजों में नहीं बल्कि संतोष में होता है।
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कर्त्तव्य को पूरा करते हैं

फोकस मिलता है

भगवान शिव ने ही योग और ध्यान की शुरुआत की थी इसलिए उन्हें आदियोगी कहा जाता है। वे हमेशा ध्यान की स्थिति में रहते हैं। ध्यान करने से फोकस बढ़ता है और यह बच्चों के लिए बहुत उपयोगी है। बच्चों को ध्यान करने और आत्मचिंतन की आदत डालें। इससे वे मानसिक रूप से मजबूत और एकाग्र बनेंगे।
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दूसरों के लिए त्याग करना
